ठेकेदार ने मुख्य न्यायाधीश को लिखी पचास प्रतिशत कमीशन की चिट्ठी, इस बार पूरी पहचान और सुबूतों के साथ


शिकायतकर्ता ने पहले भी स्थानीय कोर्ट से लेकर सीएम और पीएम तक की थी शिकायत।


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बड़ी बात Updated On :

पिछले दिनों मुख्य न्यायाधीश के लिए भेजे गए एक शिकायती पत्र से शुरु हुआ पचास प्रतिशत कमीशन का विवाद अब और आगे बढ़ा है। इस बार शिकायतकर्ता कोई गुमनाम नहीं है बल्कि एक पेटी कॉन्ट्रेक्टर ने सामने आकर अपने से बड़ा कमीशन लेने की बात कही है। इस ठेकेदार के मुताबिक उसने इस बारे में शिकायत तक की लेकिन कोई असर नहीं हुआ है। अब उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के लिए एक पत्र लिखा है और 38 लाख रुपए के काम के लिए 14 लाख रुपए से ज्यादा कमीशन के तौर पर लिए जाने की शिकायत की है। इसके बाद से  शिवराज सरकार के राज में पचास प्रतिशत कमीशन लिए जाने के आरोपों को बल मिला है और सरकार के आलोचक विशेषकर कांग्रेस नेता इस मामले को लगातार तूल दे रहे हैं। हालांकि यह मामला करीब दो हफ्ते पुराना है। जिसके सामने आने के बाद आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू के द्वारा जांच करवाई जा रही है।

रीवा जिल के एक सिविल इंजीनियर पीयूष पांडे ने बताया कि रीवा जिले में ग्राम पंचायत के द्वारा गोशालाओं का निर्माण किया जाना था। इस काम को स्थानीय अधिकारियों ने अपने चयनित ठेकेदारों के पास भेज दिया गया। इसके बाद इंदौर और छतरपुर के दलाल सक्रिय हो गए और रीवा पहुंच गए और काम को करने के लिए पेटी कॉन्ट्रेक्टर की तलाश करने लगे। इसके दौरान पीयूष पांडे उनके संपर्क में आए। इनमें से अमित पटेरिया और राहुल रणदीवे इंदौर से थे। इन लोगों ने पीयूष पांडे को अधिकारियों के पास भेजा गया और अधिकारियों ने इस तरह दर्शाया कि क्रास वर्ल्ड नाम की यह कंपनी पूरी तरह सही काम कर रही है और बड़ी ठेकेदार कंपनी है।

 

पीयूष पांडे ने बताया इस काम को पूरा करने के बाद उन्हें बिल पास होने की उम्मीद थी लेकिन बिल भुगतान क्रॉस वर्ल्ड नाम की कंपनी के खाते में गया। इसके बाद पीयूष ने कंपनी के लोगों से बात की तो उन्होंने तमाम तरह के कमीशन के बारे में बताया और कहा कि मनरेगा से लेकर अधिकारियों के नाम तक सभी का कमीशन तय है और इसे देने केबाद ही उनका भुगतान हो सकेगा।

इसके बदले में पांडे से करीब साढ़े चौदह लाख रुपए ले लिए गए। पांडे के मुताबिक ऐसे और भी लोग हैं जिन्हें इस तरह से ठगा गया है। रीवा जिले में बड़े पैमाने पर गोशालाएं बनाईं गईं हैं। इस दौरान करीब दस ठेकेदारों को अधिकारियों और क्रॉस वर्ल्ड नाम की कंपनी ने ठगा है।

पांडे बताते हैं कि उन्होंने रीवा के कोर्ट में भी इसकी शिकायत की थी। इसके अलाव मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र भेजे लेकिन कोई असर नहीं हुआ इसके बाद ही उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को इस मामले की शिकायत की है ताकि उन्हें न्याय मिल सके। पांडे बताते हैं कि इस घोटाले से उन्हें और उनके जैसे कई दूसरे ठेकेदारों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।

वहीं अब यह मामला सामने आने के बाद सीएम शिवराज की सरकार पर लग रहे पचास प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप और भी ज्यादा मजबूत हो गए हैं। कांग्रेस के सभी नेता इस मामले को सामने रखकर पूछ रहे हैं कि क्या सीएम अब इससे इंकार कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जब ऐसा ही एक पत्र मुख्य न्यायाधीश को भेजा गया था और सोशल मीडिया पर जब वह वायरल हुआ तो उसके आधार पर खबरें बनीं और कांग्रेस नेताओं ने इसे साझा किया। सबसे तीखे आरोप महासचिव प्रियंका गांधी ने लगाए थे। इसके बाद शिवराज सरकार ने प्रियंका और कमलनाथ  सहित अरुण यादव और कई दूसरे नेताओं के खिलाफ कई जिलों में एफआईआर दर्ज करवा दी गई थी।

 



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