भाजपा विधायक जालम सिंह के बेटे और केंद्रीय मंत्री के भतीजे ही अब बोल रहे सरकार पर हमला


मोनू पटेल ने कहा कि  नेता हिन्दू-मुस्लिम के भेदभाव में ही लगे रहे और आज हालत इतने ख़राब हो चुके हैं। उन्होंने अपनी बात फेसबुक पोस्ट के ज़रिए कही है। जिसकी चर्चा लगातार बनी हुई है।  


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नरसिंहपुर Updated On :

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की आलोचना अब उनके नेता- कार्यकर्ता ही कर रहे हैं। कोरोना की पीड़ा सह चुके बहुत से विधायकों, मंत्रियों ने देशभर में सरकार के खिलाफ़ बात की है। मध्यप्रदेश में भी यह हो चुका है।

पिछले दिनों ग्वालियर में भी यह देखने को मिला था और अब नरसिंहपुर में देखने को मिल रहा है। जहां मोदी सरकार में पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के भतीजे और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल के बेटे मोनू पटेल ने अपनी ही सरकार को जमकर घेरा है।

नरसिंहपुर जिले में कोरोना के बिगड़ते हालात देख मोनू पटेल ने पार्टी के नेताओं पर वही आरोप लगाए हैं जो अब तक विपक्षी दल भाजपा पर लगाते आ रहे थे। सिस्टम के फेल होने वाली बात तो मोनू ने भी बदस्तूर कही है लेकिन उन्होंने एक और बात कही जो एक तरह से पार्टी की नीतियों पर ही सवाल रही है।

मोनू पटेल ने कहा कि  नेता हिन्दू-मुस्लिम के भेदभाव में ही लगे रहे और आज हालत इतने ख़राब हो चुके हैं। उन्होंने अपनी बात फेसबुक पोस्ट के ज़रिए कही है। जिसकी चर्चा लगातार बनी हुई है।

हालांकि मोनू को जानने वाले कहते है कि उनके ये आरोप सही हैं लेकिन यह जनता की परेशानियों को नज़र में लाने से ज्यादा अपनी राजनीति चमकाने के लिए हैं।

अब कहने वाले जो भी कहें लेकिन एक भाजपा के विधायक और केंद्रीय मंत्री के भतीजे के द्वारा लगाए गए शिवराज सरकार पर लगाए गए इन आरोपों ने कोरोना काल में पहले से ही कमज़ोर हो रही पार्टी की छवि को कुछ मामूली ही सही लेकिन एक और झटका दिया है।

कुछ दिनों पहले दमोह से सांसद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल दमोह के एक अस्पताल पहुंचे थे और यहां वे एक व्यक्ति को धमकाते नज़र आए थे। वह अपनी संक्रमित मां के इलाज के लिए परेशान था और तंत्र को भला-बुरा कह रहा था।

अब पटेल के खुद के घर से विरोध की आवाज़ें आ रहीं हैं और मुमकिन हैं ये भी दबा दी जाएं लेकिन कोरोना काल में जो भी घट रहा है ये दबी हुई आवाज़ें भी बदहाली की ये कहानियां कहती रहेंगी।

वैसे प्रदेश के बहुत से भाजपा नेता इन दिनों परेशान हैं उन्हें खुद अपने कार्यकर्ताओं, जानने वालों यहां तक की रिश्तेदारों और घरवालों के लिए अस्पताल में पलंग और रेमडेसिविर जैसे इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं।

देशभर से आ रहीं खबरों को देखा जाए तो कहना गलत नहीं होगा कि देश को चलाने वाला सिस्टम और इस सिस्टम इसे चलाने वाले हाथ दोनों ही जवाब दे चुके हैं।

 



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