दिल्ली हाईकोर्ट का अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से इंकार, सभी याचिकाएं की खारिज


अग्निवीर योजना पर रोक लगाने की याचिकाएं पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तमाम याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। हालांकि याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगी।


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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र की अग्निवीर/अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि अदालत इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले के साथ ही कहा है कि अग्निपथ योजना सेना की बेहतरी और राष्ट्रहित में लिया गया फैसला है इसलिए सरकार के फैसले में कोर्ट के दखल देने की कोई वजह नहीं दिखती।

15 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा व जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने का बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वो अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें।

अग्निपथ योजना को 14 जून, 2022 को पेश किया गया था जिसके तहत आर्म्ड फोर्सेज में युवाओं का भर्ती किए जाने के नए नियम बताए गए थे।

इन नियमों के मुताबिक, साढे 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के युवा ही इसमें आवेदन कर पाएंगे और उन्हें चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया था।

भर्ती किए गए लोगों में से 25% को नियमित सेवा के लिए चुना जाएगा। इस योजना की घोषणा होने के बाद देश के कई हिस्सों में युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया था और जगह-जगह उपद्रव भी देखने को मिला।

इन विरोध को देखते हुए सरकार ने भर्ती होने के लिए उम्र की सीमा को बढ़ाकर 21 से 23 साल कर दिया।

अग्निवीर योजना पर रोक लगाने की याचिकाएं पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तमाम याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। हालांकि याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगी।



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