दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क पहुंचे 12 चीते, ये हैं खास तैयारी


चीतों की आबादी को बढ़ाना भारत की प्राथमिकता है और इसके संरक्षण के महत्वपूर्ण एवं दूरगामी परिणाम होंगे।


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cheetah in kuno

भोपाल। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 7 नर और 5 मादा सहित 12 चीते शनिवार दोपहर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क पहुंचे, जिसके बाद इन चीतों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाड़े में रिलीज किया।

इससे पहले चीतों को लेकर दक्षिण अफ्रीका से निकला विशेष विमान सुबह ग्वालियर एयरबेस पहुंचा था। यहां से इन्हें सेना के 4 चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए कूनो नेशनल पार्क पहुंचाया गया।

चीतों को बाड़े में छोड़ने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव, मध्यप्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अफसर कूनो पहुंचे।

यहां आने के बाद मुख्यमंत्री के साथ तीनों मंत्रियों ने जिप्सी से चीतों के बाड़े का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम समेत अन्य मेहमान वाइल्ड लाइफ की जैकेट और कैप पहने हुए दिखे।

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखे जाएंगे 12 चीते –

इसके पश्चात् इन्हें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। रक्षा मंत्रालय और एयर फोर्स ने साउथ अफ्रीका से चीतों को लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी तरह की फीस नहीं ली है।

18 फरवरी को सुबह 10 बजे चीतों को लेकर यह विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के पश्चात यहां से MI 17 हेलीकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया।

चीतों के साथ उसी विशेष विमान में वेटनरी डॉक्टर और चीता एक्सपर्ट डॉक्टर लारेल आएंगी। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत 1 महीने तक इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में क्वारंटाइन में रहना होगा।

दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच हुआ है एक समझौता –

गौरतलब हो, इस संबंध में दक्षिण अफ्रीका और भारत ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के अनुसार, फरवरी 2023 के दौरान 12 चीतों का एक प्रारंभिक जत्था दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जाना है। ये चीते 2022 के दौरान नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीतों के साथ शामिल हो जाएंगे।

चीतों की आबादी को बढ़ाना भारत की प्राथमिकता –

चीतों की आबादी को बढ़ाना भारत की प्राथमिकता है और इसके संरक्षण के महत्वपूर्ण एवं दूरगामी परिणाम होंगे। इसका लक्ष्य कई पारिस्थितिकी उद्देश्यों को हासिल करना होगा, जिसमें भारत में उनकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर चीते की भूमिका को फिर से स्थापित करना और स्थानीय समुदायों की आजीविका संबंधी विकल्पों को बेहतर करना तथा उनकी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाना शामिल है।

चीतों को लेकर क्या है भारत की योजना –

फरवरी में 12 चीतों को लाने के बाद अगले 8 से 10 वर्षों में सालाना 12 चीतों को भारत लाए जाने की योजना है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर भारत से विलुप्त हो चुके जंगली चीतों को ‘कुनो नेशनल पार्क’ में छोड़ा था। इन्हें नामीबिया से ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत भारत में लाया गया था।

पिछले साल सितंबर में नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीते जिसमें तीन नर और पांच मादा थे। इन सभी चीतों को चरणबद्ध तरीके से मध्यप्रदेश के ‘कुनो नेशनल पार्क’ में छोटे बाड़े से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया था, जहां सभी चीते अब खुद से शिकार कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश का पर्यावरण चीतों के लिए सबसे उपयुक्त –

दरअसल, भारत में मध्यप्रदेश का पर्यावरण चीतों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, इसीलिए मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाने के लिए 14 फरवरी को चीता टास्क फोर्स की ऑनलाइन बैठक में फैसला लिया गया।



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