इंदौरः विदेशों की तर्ज पर कार में हो रही कोरोना सैम्पलिंग, लोगों को भी आ रही पसंद


आजकल शहर के रेसकोर्स रोड पर लोगों की बजाय कारों की लंबी-लंबी कतार देखने को मिल रही है। दरअसल, ड्राइव थ्रू सैम्पलिंग का वो तरीका है जिसके तहत कोरोना की सैम्पलिंग कार में बैठे-बैठे कर ली जाती है और जब रिपोर्ट लेनी होती है तो वो भी कार में ही।


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इंदौर। विदेशों और मेट्रो सिटी की तर्ज पर ड्राइव थ्रू कांसेप्ट के जरिये इन दिनों इंदौर में कोरोना की सैम्पलिंग की जा रही है। दरअसल, सैम्पलिंग के लिए लंबी कतारों और घण्टो इंतजार से निजात के लिए इजाद की गई अमेरिकी तकनीक इंदौर में पसंद की जा रही है।

इसी का परिणाम है कि आजकल शहर के रेसकोर्स रोड पर लोगों की बजाय कारों की लंबी-लंबी कतार देखने को मिल रही है। दरअसल, ड्राइव थ्रू सैम्पलिंग का वो तरीका है जिसके तहत कोरोना की सैम्पलिंग कार में बैठे-बैठे कर ली जाती है और जब रिपोर्ट लेनी होती है तो वो भी कार में ही।

इसके लिए बकायदा निजी लैब के सैम्पल संग्रहणकर्ता पीपीई किट में कार में मौजूद व्यक्ति का पहले आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक जारी किए फार्म को फील करता है और उसके बाद लोग या तो नगद या ऑनलाइन शुल्क जमा कर देते हैं।

इंदौर में इसी तरह से सैम्पलिंग कर रहे है एक निजी लैब के अनुराग सोडानी ने बताया कि वो पिछले 7 माह से ये सेवा दे रहे हैं, लेकिन बीते दो सप्ताह से संख्या में तेजी आ गई है।

उन्होंने बताया कि यहां अधिकतर वो लोग आते हैं जो या तो सिम्प्टोमेटिक होते हैं या उनके नजदीकी लोगों में से किसी को कोरोना हुआ होता है। इसके अलावा इंदौर के बाहर से आने वाले और बाहर जाने वाले लोग भी ड्राइव थ्रू तरीके से सैम्पलिंग करवा रहे हैं ताकि वो किसी बड़े खतरे से बच सकें।

फिलहाल, इंदौर में कार में सवार लोगों की भीड़ ये बता रही है कि इंदौर एक बार फिर कोरोना का हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। लिहाजा रिस्क फैक्टर के बजाय लोग ड्राइव फैक्टर सैम्पलिंग अपना कर खुद को महफूज रखना चाह रहे हैं।



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