मध्यप्रदेश में अब गोमूत्र से बने फिनाइल से साफ होंगे सभी सरकारी ऑफिस


आदेश में पंचायतों से लेकर मंत्रालय स्तर तक के सरकारी दफ्तरों में गो-फिनायल का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। शिवराज सरकार के इस फैसले को गो-संवर्धन और गो-संरक्षण के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है।


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भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी दफ्तरों में अब गो-फिनायल से साफ-सफाई होगी। इस आशय का आदेश सरकार ने शनिवार को जारी कर दिया। इसका मतलब यह है कि अब प्रदेश के सारे सरकारी दफ्तर केमिकल युक्त फिनायल की जगह गोमूत्र से बने गो-फिनायल से साफ होंगे।

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव निवास शर्मा के हस्ताक्षर से शनिवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों व परिसर को साफ करने के लिए रासायनिक रूप से निर्मित फिनाइल को गोमूत्र फिनाइल से बदलना होगा।

आदेश में पंचायतों से लेकर मंत्रालय स्तर तक के सरकारी दफ्तरों में गो-फिनायल का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। शिवराज सरकार के इस फैसले को गो-संवर्धन और गो-संरक्षण के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है।

राज्य में गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए नवंबर में आयोजित पहली गाय कैबिनेट में गो फिनाइल का उपयोग करने का निर्णय लिया गया था।

पशुपालन विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि गोमूत्र के बॉटलिंग प्लांट और गोमूत्र के कारखानों को स्थापित करने को बढ़ावा देने लिए यह निर्णय लिया गया है।

वहीं, सरकार द्वारा इस आदेश के जारी होने के साथ ही सूबे में फिर से गाय की सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार गो-फिनायल की आड़ में किसी एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाना चाहती है।

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार पतंजलि को लाभ पहुंचाने के लिए यह आदेश लेकर आई है। गो-फिनायल की आड़ में शिवराज सरकार बड़ा भ्रष्टाचार करने जा रही है।

कांग्रेस विधायक ने मांग की कि अगर शिवराज सरकार को गो-फिनायल का इस्तेमाल करना ही है तो कमलनाथ सरकार के समय जो गोशालाएं बनाई गई हैं उन्हें गो-फिनायल बनाने का ठेका दिया जाए।



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