कुछ सेकेंड में ही धूल में मिल गईं भ्रष्टाचार की इमारतें, देखिए न्याय की जीत का नज़ारा


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2014 में ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया जिसे पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट से भी मंजूरी मिल गई थी।


DeshGaon
बड़ी बात Updated On :

भोपाल। भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके नोएडा सेक्टर 93a के रिहायशी टावर आज गिरा दिए गए। तय समय पर नियंत्रित विस्फोट की श्रंखला शुरू हुई और कुछ ही सेकंड में ये टॉवर धूल में मिल गए।

 

 

इस दौरान धूल का एक बड़ा गुबार उड़ा। जिसने पूरे इलाके को ढक लिया।

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के इन 40 मंजिला ट्विन टॉवर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रविवार दोपहर 2:30 बजे गिराया गया। इस पूरी प्रक्रिया में 37 00 किलो ग्राम विस्फोटक का उपयोग किया गया। मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग और दक्षिण अफ्रीकी सहयोगी जेट डिमोलिशन ने शनिवार को दोनों टॉवरों को गिराने का यह काम किया।

 

इससे पहले…

इसे देखते हुए आसपास के इलाकों में पूरी तैयारी की गई थी। इस डिमोलिशन यानी धवस्तीकरण का असर आसपास के करीब 2 किलोमीटर के इलाके में होगा। इसके लिए 3700 किलो ग्राम विस्फोटकों का उपयोग किया जा रहा है।

विस्फोट होने के 9 से 15 सेंकेंड के भीतर दोनों इमारतें धराशायी हो जाएंगी। फाइनल ट्रिगर बटन को मैनुअली चार्ज किया जाएगा। चार्ज होने पर मशीन का लाल बटन जल उठेगा। यह संकेत होगा कि सब कुछ तैयार है। फिर हरे रंग के बटन को दबाते ही कुछ ही सेकेंड में जुड़वां इमारतें मलबे के ढेर में बदल जाएंगी।

एहतियात के तौर पर आसपास की सड़कों को बंद रखा जाएगा। पूरे इलाके को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। ट्विन टॉवर के ठीक सामने फ्लाइओवर पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। नोएडा पुलिस के अधिकारी एम्बुलेंस के साथ ड्रिल कर रहें हैं। अगर कोई हादसा होता है, तो कैसे लोगों को एम्बुलेंस के जरिए तुरंत अस्पताल तक पहुंचाया जाए। इसके लिए ड्रिल किया जा रहा है।

उधर आस-पास की सोसायटी में रह रहे लोग अपना सामान लेकर बाहर निकल चुके हैं। एमराल्ड कोर्ट और उससे सटे एटीएस विलेज सोसाइटियों के करीब 5,000 निवासियों को रविवार सुबह 7 बजे से एक दिन के लिए घर से बाहर निकलने को कहा गया है।

एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के मालिक उत्कर्ष मेहता ने इसे लेकर खुद को नर्वस बताया। उन्होंने कहा कि “आज इतना बड़ा ऑपरेशन होने जा रहा है। हम 8 महीने से इसकी तैयारी कर रहे थे। हमारा आत्मविश्वास कायम है।” उन्होंने बताया कि 12 सेकेंड में ट्विन टॉवर्स जमींदोज होंगे जिसमें पहले 5 सेकेंड में दोनों टॉवरों में विस्फोट होंगे। इसके बाद 7 सेकेंड तक बारूद जलेगी। इसी सात सेकेंड में ये बहुमंजिला टॉवर्स मलबे में तब्दील होंगे।

उल्लेखनीय है कि करीब दस सालों की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार इन टावरों को गिराने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने किया था। एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में रह रहे लोगों ने इन टावर्स के निर्माण में धांधली लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में केस दर्ज किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2014 में ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया जिसे पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट से भी मंजूरी मिल गई थी।



Related