गिरीश कर्नाड के बहुचर्चित व बहुप्रशंसित नाटक “नागमण्डल” का मंचन 24 अगस्त को, प्रवेश निःशुल्क


“नागमण्डल” भारतीय समाज के बीच प्रचलित इच्छाधारी नाग की मान्यताओं की लोककथा पर बुना गया सशक्त नाटक है जिसमें नाग को पुरुष के विकृत भावों का प्रतीक मानकर नारी के असहाय बोध को उजागर किया है।


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जबलपुर Published On :
Nagmandal

जबलपुर। पद्मश्री-पद्म विभूषण से अलंकृत नाटककार व सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गिरीश कर्नाड के बहुचर्चित व बहुप्रशंसित नाटक “नागमण्डल” का मंचन शहर के शहीद स्मारक (गोल बाज़ार) में बुधवार (24 अगस्त) को शाम छह बजे से होने वाला है।

नाटक नागमण्डल का निर्देशन डॉ. स्वाति चांदोरकर एवं अजय तुलसी नेमा द्वारा किया गया है जो समाज में नारी शोषण, सामाजिक विडंबनाओं और विकृत मानवीय विद्रुपताओं को उकेरता है।

“नागमण्डल” भारतीय समाज के बीच प्रचलित इच्छाधारी नाग की मान्यताओं की लोककथा पर बुना गया सशक्त नाटक है जिसमें नाग को पुरुष के विकृत भावों का प्रतीक मानकर नारी के असहाय बोध को उजागर किया है।

पति-पत्नी की मानसिकता और बढ़ते हुए निरंतर अंर्तद्वंद्व को बड़े नाटकीय एवं तर्कसंगत ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

समग्र सोसायटी फॉर एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड अप लिफ्टमेंट “कला सेतु” नरसिंहपुर की अध्यक्ष डॉ. स्वाति चांदोरकर ने बताया है कि नरसिंहपुर के अव्यावसायिक कलाकारों की यह पहली प्रस्तुति संस्कारधानी जबलपुर के उन स्थापित और मूर्धन्य रंगकर्मियों को आदरांजलि है जो कोरोना काल में असमय दिवंगत हो गए।

निर्देशक द्वय डॉ. स्वाति चांदोरकर एवं अजय तुलसी नेमा ने सभी कला प्रेमियों और संस्कृति से जुड़े सभी प्रबुद्ध जनों को 24 अगस्त को आयोजित इस नाट्य मंचन/ कार्यक्रम में सादर आमंत्रित किया है। कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रखा गया है।



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