कांग्रेस अधिवेशन में जा रहे पवन खेड़ा को असम पुलिस ने हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया, तीन घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत


पवन खेड़ा को गिरफ्तार करने के लिए सीआरपीएफ ने खासी बड़ी संख्या में बल एयरपोर्ट पर भेजा था, कांग्रेस ने इसे तानाशाही और लोकतंत्र पर हमला बताया।


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राजनीति Updated On :

भोपाल। कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने के लिए गुरुवार को रायपुर जा रहे कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली में रोक लिया गया। यहां असम पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेसी नेताओं ने इस पर खासा गुस्सा जताया। असम पुलिस चाहती थी कि खेड़ा को दिल्ली की अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले जाएं लेकिन मामले में कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट गई और कोर्ट ने खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी।

 

पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया। याचिका में लखनऊ, वाराणसी और असम में दर्ज एफआइआर को एक जगह कर सुनवाई करने की गुहार लगाई गई है।

दिल्ली हवाईअड्डे पर एक विमान से उतारे जाने के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘हम देखेंगे (वे मुझे किस मामले में ले जा रहे हैं)। यह एक लंबी लड़ाई है और मैं लड़ने के लिए तैयार हूं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रायपुर में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन को रोकने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “विपक्ष संसद में मुद्दे उठाए तो नोटिस दिया जाता है।महाधिवेशन के पहले छतीसगढ़ के हमारे नेताओं पर ED का रेड कराया जाता है। आज कांग्रेस में मीडिया विभाग चेयरमेन को जहाज़ से ज़बरदस्ती उतारकर गिरफ़्तार किया गया। भारत के लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया। हम इस तानाशाही की घोर निंदा करते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि सरकार अब डरी हुई है और ऐसे कदम उठा रही है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि पहले ED ने रायपुर में छापामारी की, अब पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के जहाज़ से उतारा गया है। तानाशाही का दूसरा नाम अमितशाही है। मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाअधिवेशन को बाधित करना चाहती है। हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि पवन खेड़ा ने बीते दिनों 20 फरवरी को पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए कहा था कि ‘जब अटल बिहारी बाजपेयी JPC बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ अपने बयान में उन्होंने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गौतमदास मोदी कहा था। इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा गौतम दास है या दामोदरदास। इसके बाद उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि इस दौरान उन्होंने सॉरी शब्द का प्रयोग किया और सफाई दी कि प्रधानमंत्री के पिता के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था। बताया जा रहा है कि गलत नाम लेने को लेकर ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।



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