कारम बांध से तेज़ी से बह रहा पानी, बढ़ रहा गांव की ओर


कुछ लोग पहाड़ों पर बनी राहत कैंपों पर बैठकर पानी को अपने गांव तक पहुंचते हुए देख रहे हैं। इन्हें चिंता अपने मवेशियों की है जिन्हें वे अपने साथ उपर नहीं ला सके।


आशीष यादव आशीष यादव
बड़ी बात Updated On :
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धार। कारम बांध से रविवार को जब राहत की उम्मीद की जा रही थी लेकिन शाम सवा पांच बजे इससे पानी तेजी से निकलने लगा और बांध पर दबाव कम होना शुरू हुआ। इसके चलते पानी एक सैलाब की सूरत में गांवों की ओर बढ़ा जिसे लोग पहाड़ों पर खड़े होकर देखते रहे। इस दौरान कई लोगों ने बांध के टूटने की भी बात कही लेकिन इसे गलत बताया गया।

मंत्री तुलसी सिलावट और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने इस बात का खंडन किया है कि बांध टूटा हुआ है। उनके मुताबिक बांध को सुनियोजित तरीके से खोला गया था जहां से पानी अब तेजी से बह रहा है। हालांकि ज्यादातर लोगों ने बांध के टूटने की बात कही है।

इस चैनल से पानी निकालने का इंतजाम लगातार जारी था। पानी की निकासी के दौरान मिट्टी ज्यादा बहने लगी और कुछ ही देर बाद मिट्टी का एक बड़ा टुकड़ा पानी में बह गया। जिसके बाद जैसे सैलाब आ गया। इसके बाद पानी लगातार गांवों की ओर बढ़ रहा है और रात तक कई गांवों के पास पानी पहुंच चुका है।

हालांकि प्रशासन ने पहले ही इस रास्ते में पड़ने वाले करीब 18 गांवों को खाली करवा लिया है। यहां के लोग आसपास के राहत शिविरों में पहुंचाए गए हैं। वहीं कुछ लोग पहाड़ों पर बनी राहत कैंपों पर बैठकर पानी को अपने गांव तक पहुंचते हुए देख रहे हैं। इन्हें चिंता अपने मवेशियों की है जिन्हें वे अपने साथ उपर नहीं ला सके।

शाम करीब आठ बजे एनडीआरएफ की टीम में गांव के घरों में जाकर लोगों को खोज रही थी और राहत शिविरों में पहुंचा रही थी।

हालांकि प्रशासन के मुताबिक डैम में पानी की मात्रा कम हो गई है। दो घंटे में बांध का रिजर्व वॉटर खत्म हो जाएगा लेकिन तब तक पानी कितना नुकसान करेगा, यह देखना होगा।

 



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