347 निकायों में चुनाव की घोषणा, इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में पहले चरण में होंगे चुनाव, जानिये पूरा कार्यक्रम


— पहला चरण 6 जुलाई और दूसरा चरण 13 जुलाई को पूरा होगा
— 347 नगरीय निकायों में 6507 पार्षदों व 16 नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से
— 17 और 18 जुलाई को आएंगे परिणाम


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राजनीति Published On :

भोपाल। पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद अब नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा भी हो चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने बुधवार को प्रेस वार्ता में निकाय चुनावों की तारीख़ों का ऐलान किया।

निकाय चुनाव दो चरणों में होंगे। इनमें पहला चरण 6 जुलाई और दूसरा चरण 13 जुलाई को पूरा होगा। वहीं पहले चरण के नतीजे 17 जुलाई और दूसरे चरण के नतीजे 18 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। इस तरह प्रदेश में कुल 52 दिनों तक आचार संहिता प्रभावशील रहेगी।

राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी प्रेस वार्ता में चुनाव कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 347 निकायों में चुनाव संपन्न कराए जाने  हैं। इनमें पहले चरण में 133 और दूसरे चरण में 214 निकायों में वोटिंग होगी।

इनमें प्रदेश के चार बड़े निगम भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में पहले चरण में छह जुलाई को चुनाव कराए जाने हैं। मतदान सुबह सात बजे से शाम के पांच बजे तक होगा। इसके अलावा खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली और सतना निगमों में भी इसके साथ ही चुनाव होंगे। वहीं दूसरे चरण में  कटनी, रतलाम, देवास, रीवा, मुरैना में चुनाव होंगे।

नगरीय निकाय चुनावों के लिए प्रदेश में 19, 977 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और चुनाव प्रक्रिया में 87,937 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। निकाय चुनाव ईवीएम के द्वारा कराए जाएंगे। इससे पहले मंगलवार को प्रदेश के 397 नगरीय निकायों में चुनाव कराए जाने के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को पूरी हो गई है।

आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर और भोपाल के हर वार्ड में 5-5 ईवीएम रिजर्व रखी जाएगी। नोटा का विकल्प दिया जाएगा। नगर निगम के महापौर सीधे जनता चुनेगी। नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष को पार्षद चुनेंगे। झूठा शपथ पत्र देने पर केस दर्ज होगा। सभा-रैलियों के लिए अनुमति लेना जरूरी होगा।

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि पहले से गठित 378 नगरीय निकायों में से 321 निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। फिलहाल 57 निकायों का कार्यकाल अभी अधूरा है। ऐसे में 321 निकायों में से 318 के और नवगठित 35 नगरीय निकायों में से 29 नगर परिषदों में यानी कुल 347 नगरीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे।

आयुक्त  सिंह ने बताया कि आयोग द्वारा 347 नगरीय निकायों में 6507 पार्षदों व 16 नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराया जाएगा। नगर पालिका परिषद व नगर परिषदों के निर्वाचित पार्षद द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। नगरीय निकायों में 99 नगरपालिकाओं में ओबीसी का आरक्षण 25 से बढ़कर 28 % हो गया है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने बताया कि चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती थी कि किस तरह आचार संहिता को तीन-चार महीने तक चलने से रोका जाए, क्योंकि लंबे समय से आचार संहिता का लागू रहना ठीक नहीं है।



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