महू पहुंचे कामेश्वर चौपाल बोले- राम मंदिर का निर्माण होते देखना सौभाग्य की बात


राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल मंगलवार को महू पहुंचे। यहां वे आंबेडर स्मारक जन्मभूमि पर माल्यार्पण करने पहुंचे।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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महू। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल मंगलवार को महू पहुंचे। यहां वे आंबेडर स्मारक जन्मभूमि पर माल्यार्पण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम राम मंदिर का निर्माण होते देख रहे हैं। इस राम मंदिर के लिए लाखों भक्तों की जान भी गई है, तब कहीं जाकर हम राम मंदिर का निर्माण होते देख रहे हैं।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का महू पहुंचने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद सहित अनेकों समाजों के प्रमुख ने स्वागत किया। महू में आंबेडकर जन्म स्मारक समिति के सचिव राजेश वानखेड़े ने कामेश्वर चौपाल को स्मारक परिसर का अवलोकन कराकर स्मारक के बारे में जानकारी दी।

कामेश्वर चौपाल ने चर्चा करते हुए कहा कि वे भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि से आए हैं और डॉ. आंबेडकर की पावन धरा पर आकर धन्य हो गए। स्मारक पर माल्यार्पण करने के पश्चात मोती महल परिसर में एक व्याख्यान कार्यक्रम में सम्मिलित हुए जिसमें प्रबुद्ध वर्ग एवं सभी समाज के लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम में उमाशंकर सैनी व मनीष कदम द्वारा सामूहिक गीत की प्रस्तुति दी गई। परिचय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के जिला संयोजक बसंत मौर्य ने दिया। इस दौरान कामेश्वर चौपाल के साथ विश्व हिंदू परिषद के सोहन विश्वकर्मा व आनंद गिरि महाराज उपस्थित थे।

चौपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि राम जन्मभूमि के लिए सैकड़ों वर्षों तक संघर्ष चलता रहा। इस जन्मभूमि के लिए 70 बार युद्ध लड़ा गया और चार लाख लोग बलिदान हुए। 1986 में राम जन्मभूमि का ताला रामभक्तों के लिए खोल दिया गया। विहिप के अशोक सिंघल व संतों के मार्गदर्शन में पूरे देश में शिलाओं का पूजन हुआ जिनमें लगभग तीन लाख शिलाएं पूरे देश में पूजी गईं।

चौपाल ने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर प्रांत, जिला, नगर मोहल्ला स्तर पर समितियां राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निमित्त बनी हैं, जिसके कार्यकर्ता घर-घर निधि समर्पण के लिए जाएंगे।

कार्यक्रम का संचालन राजेश जौहरी ने जबकि आभार शैलेश गिरिजे ने माना।



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